The Mrichchhakati: A ComedyEducation Press, 1829 |
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Veelvoorkomende woorden en zinsdelen
अज्ज अज्जए अथ अथवा अरे अलं अले अहं आर्य्य इति इमं उण एत्थ एदं एदु एवं एव्वं एशे एष एषा एसो एहि कथं कधं करोति कहिं का किं कृत्वा के को खगतं खलु गृहीत्वा गेहं गेहे चंद चारु चारुदत्त चारुदत्तस्य चिठ्ठ चेटः चेटि चेटी जं जधा जेव्व तं ततः प्रविशति तत् तथा तदा तदो तव तस्य ता ता जाव तावत् तिष्ठ तुए तुमं ते त्वं त्वया दाणिं दाव दृष्ट्वा दे दो ननु नाम निष्क्रान्तः पवहणं पश्य प्रकाशं प्रवहणं प्रविश्य प्रियं भवति भवतु भाव भावे भिक्षुः भो भोदि भोदु मं मए मद मम मया मां माथु मे मैत्रेय यथा यदि रदनिके रे वयस्य वर्षं वसं वसन्त वसन्तसेना वा वि विटः विदू विश्र वीरकः शकारः शर्वि शोधनकः श्र श्रज्ज श्रधि श्रपिच श्रये श्रले श्रहं श्रार्य्य सर्व्वे संवा सह सा सुष्ठु सूत्र से सो स्वगतं हा हि ही हे हो